अंध विकास की चपेट में आकर गंगासागर कूड़ेदान में तब्दील

मधेश प्रदेश : जनकपुरधाम के धार्मिक तालाब गंगासागर की स्थिति काफी दयनीय हो गयी है।साफ दिख रहा है कि पानी के अभाव में लगभग सूख चुका गंगासागर कूड़ेदान में तब्दील हो चुका है। करीब दो दशक पहले जनकपुर में पचास ऐसे तालाब थे जिनमें लोग स्नान करते थे, कपड़े धोते थे और अपना दैनिकी रोजमर्राका काम करते थे।

तालाब के किनारे फेंके गए कूड़े-कचरे एवं अन्य पदार्थों की रासायनिक क्रिया से प्रदूषित जल अब उपयोग के लायक नहीं रह गया है।कभी स्वच्छ जल से भरा रहने वाला यह सागर जनकपुर के लोगों के लिए छठ व्रत करने का मुख्य स्थान है।

विभिन्न त्योहारों के मौके पर मूर्ति विसर्जन और आसपास के निवासियों द्वारा फेंके जाने वाले कूड़े-कचरे के कारण यह खूबसूरत तालाब अब गंदगी का पर्याय बन गया है।

स्थानीय युवक दीपक निधि के मुताबिक तालाब में संक्रामक रोग फैलाने वाले कीड़े पैदा हो रहे हैं ,नतीजा यह है कि इंसान तो क्या, पशु-पक्षी भी इसके पानी का उपयोग करना पसंद नहीं करते, घाटों तक पहुंचने वाले मुख्य स्थान दुर्गंध और गंदगी से घिरे हुए हैं, वहीं तालाब के घाट भी पानी की कमी और उचित रखरखावके कारण खतरनाक स्थिति में हैं।

गंगासागर छठ पूजा समिति के पूर्व अध्यक्ष अशोक लाल दास के अनुसार क्षतिग्रस्त घाट का उपयोग करने वालों के साथ कभी भी अप्रिय व गंभीर घटना घट सकती है ।उन्होंने बताया कि जर्जर तालाब घाटों के निर्माण एवं मरम्मत के लिए वे संबंधित निकायो के साथ् पहल करेंगे।

अंध विकास की चपेट में गंगासागर

एक दशक के अंतराल से गंगासागर की सफाई में सीधे सहयोग कर रहे आशीष केमिकल इंडस्ट्री के प्रबंधक और वेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसाइक्लिंग कंपनी के प्रबंधक और युवा निर्देशक आशीष कुमार मंडल ने गंगासागर की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।

निर्देशक मंडल गंगासागर की स्वच्छता के बारे में जन-जागरूकता फैलाकर जुर्माना सहितका व्यवस्था बनाने हेतु जनकपुरधाम उप-महानगरपालिका से लिखित अनुरोध करने करेंगे ।स्वच्छता विशेषज्ञ मंडल ने कहा, लापरवाही और सरकारी उपेक्षा का शिकार गंगासागर कचरा डंपिंग का आसान स्रोत बन गया है, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

निर्देशक मंडल ने कहा कि चूंकि गंगासागर में भूजल का स्तर काफी गिर गया है, इसलिए नासमझ लोगों द्वारा फेंके गये कचरे को साफ करना बेहतर होगा।अंध विकास की चपेट में आए गंगासागर की धार्मिक सुंदरता लुप्त होती जा रही है, ऐसे में गंगासागर के जल संरक्षण के उद्देश्य से प्रेरित होकर युवा आशीष कुमार मंडल ने हर धर्म के लोगों से इसे बचाने के लिए मदद करने का आह्वान किया है।ताकि धार्मिक विरासत वाले तालाबों को नष्ट होने से बचाया जा सके।

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