(आशिष कुमार मंडल),काठमांडू:प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली ने काठमांडू विश्वविद्यालय और धुलीखेल अस्पताल के बीच कम से कम अगले पांच वर्षों तक सहयोग बनाए रखने का निर्देश दिया है।
आज प्रधानमंत्री आवास बालुवाटार में आयोजित काठमांडू विश्वविद्यालय की 97वीं बैठक में कुलाधिपति की हैसियत से प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय और अस्पताल के बीच की विसंगति को मिल-बैठकर सुलझाने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा, “चूंकि विश्वविद्यालय तुरंत एक नया अस्पताल नहीं खोल सकता है और सरकार इसके लिए निवेश नहीं कर सकती है, इसलिए धुलीखेल अस्पताल के साथ संबंध और सहयोग कम से कम पांच रखा जाना चाहिए।”उस अवधि के भीतर विश्वविद्यालय अपना अस्पताल खोलने की तैयारी करेगा।
इन सहित नीतिगत मामलों पर अगले अगस्त के भीतर विश्वविद्यालय की एक और सीनेट बैठक में निर्णय लिया जाएगा और इसी बैठक में अन्य चुनौतियों और कठिनाइयों पर भी चर्चा होगी।
दोनों संगठनों के बीच इस बात को लेकर विवाद और भ्रम पैदा हो गया कि धुलीखेल अस्पताल प्रांतीय सरकार से प्रतिष्ठान स्थापना की मंजूरी लेने वाला है और विश्वविद्यालय अपना अस्पताल खोलने की तैयारी कर रहा था।
उन्होंने कहा कि नेपाल सरकार के पिछले वित्तीय वर्ष में राजस्व अनुमान से 24 फीसदी कम रहा और खर्च चिंताजनक रूप से बढ़ गया, इसलिए सरकार चाहकर भी विश्वविद्यालय को अधिक सब्सिडी नहीं दे सकी ।
शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और कुलपति विद्या भट्टाराई की उपस्थिति में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अच्युत प्रसाद वाग्ले द्वारा प्रस्तुत रु. चार अर्ब ३० करोड ९० लाख का बजट पास हुआ ह।
इसी तरह, सभा ने 2,314 छात्रों की ग्रेस सूची पारित कर दी है, जिन्हें आगामी 29वें दीक्षांत समारोह के लिए विभिन्न संकायों से दीक्षा दी जाएगी।